
Upi Payments Not Working: भारत भर में डेढ़ घंटे से डिजिटल लेन-देन प्रभावित, एक महीने में दूसरी बार
RNE Network.
शनिवार दोपहर 11:00 बजे से पूरे भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) सेवाएं अचानक ठप हो गईं, जिससे डिजिटल लेन-देन में बाधा उत्पन्न हुई है। यह एक महीने में दूसरी बार है जब UPI सेवाएं बाधित हुई हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं और व्यापारियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।पिछली रुकावटें और उनकी पृष्ठभूमि:
इससे पहले, 26 मार्च 2025 को भी देशभर में UPI सेवाएं लगभग ढाई घंटे तक बाधित रहीं। उस समय, गूगल पे, फोन पे और पेटीएम जैसे प्रमुख पेमेंट एप्स के माध्यम से लेन-देन में कठिनाइयाँ आईं, और 10 से अधिक बैंकों की नेट बैंकिंग सेवाएं भी प्रभावित हुईं। डाउनडिटेक्टर के अनुसार, उस अवधि में 23,000 से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं थीं।
रुकावट के संभावित कारण:
हालांकि इस बार की रुकावट के पीछे का स्पष्ट कारण अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन हाल ही में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा 1 अप्रैल 2025 से लागू किए गए नए नियमों के प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इन नियमों के तहत, निष्क्रिय मोबाइल नंबरों से जुड़ी यूपीआई आईडी को बंद कर दिया गया है, जिससे कुछ उपयोगकर्ताओं को सेवाओं में बाधा का सामना करना पड़ सकता है ।NPCI के नए नियम और उनका प्रभाव:
NPCI ने बैंकों और यूपीआई सेवा प्रदाताओं को निर्देश दिया है कि वे निष्क्रिय मोबाइल नंबरों को अपने सिस्टम से हटाएं और मोबाइल नंबरों की जानकारी को साप्ताहिक रूप से अपडेट करें। इसका उद्देश्य यूपीआई प्रणाली को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाना है ।
UPI का बढ़ता उपयोग और चुनौतियाँ:
UPI के माध्यम से लेन-देन में लगातार वृद्धि हो रही है। अप्रैल 2024 में, UPI के माध्यम से 1,330 करोड़ लेन-देन हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 50% अधिक है। इस बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद, बार-बार की तकनीकी समस्याएँ और सेवा में रुकावटें उपयोगकर्ताओं के विश्वास को प्रभावित कर सकती हैं।उपयोगकर्ताओं के लिए सुझाव:
वैकल्पिक भुगतान विधियों का उपयोग करें: जब तक UPI सेवाएं पूरी तरह से बहाल नहीं हो जातीं, तब तक नकद, डेबिट/क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग का उपयोग करें।
मोबाइल नंबर अपडेट करें: यदि आपने हाल ही में अपना मोबाइल नंबर बदला है, तो सुनिश्चित करें कि वह आपके बैंक खाते और यूपीआई ऐप्स में अपडेटेड है।
लेन-देन की पुष्टि करें: यदि किसी लेन-देन में विफलता होती है और राशि कट जाती है, तो आमतौर पर राशि 24 से 48 घंटे के भीतर वापस आ जाती है। यदि ऐसा नहीं होता है, तो संबंधित बैंक से संपर्क करें।
बैंकों की अधिसूचनाओं पर ध्यान दें:
बैंक अक्सर मेंटेनेंस शेड्यूल की जानकारी देते हैं। ऐसे में बैंक की ओर से आने वाले संदेशों और नोटिफिकेशनों पर ध्यान देना जरूरी है।
यूपीआई सेवाओं में बार-बार आ रही रुकावट से डिजिटल भुगतान प्रणाली की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठ रहे हैं। बैंकों और संबंधित संस्थाओं को तकनीकी आधारभूत संरचना को मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि उपयोगकर्ताओं को निर्बाध सेवाएं मिल सकें।